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Friday, July 20, 2018

अविश्वास प्रस्ताव: 11 बजे शुरू होगी लोकसभा, नहीं होगा प्रश्नकाल और लंच, चर्चा के लिए सात घंटे तय

<p style="text-align: justify;"><strong>संसद में अविश्वास प्रस्ताव:</strong> मोदी सरकार के खिलाफ संसद में आज <strong><a href="https://ift.tt/2Lmdshf" target="_blank" rel="noopener noreferrer">अविश्वास प्रस्ताव</a> </strong>पर चर्चा और वोटिंग होगी. सरकार की ओर से जीत का दावा किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष का भरोसा है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को संसद में बेनकाब करने का मौका मिलेगा. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने दावा किया है कि हमारे पास नंबर हैं. 16वीं लोकसभा के आखिरी मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया जिसे स्पीकर ने स्कीकार कर लिया था.</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>अविश्वास प्रस्ताव पर</strong></h3> <ul> <li style="text-align: justify;">सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखेंगे. हालांकि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के बोलने की संभावना नहीं है.</li> <li style="text-align: justify;">अविश्वास प्रस्ताव में सभी पार्टियों के बोलने का समय तय कर दिया गया है . संख्या के हिसाब से पार्टियों के समय तय हुए हैं. बीजेपी को सबसे ज्यादा 3 घंटे और 33 मिनट बोलने का समय मिला जबकि कांग्रेस को 38 मिनट का समय दिया गया है. इसके साथ ही AIADMK को 29 मिनट और TMC को 27 मिनट का समय दिया गया है .</li> <li style="text-align: justify;">अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. कल 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी, सबसे अहम बात है कि कल प्रश्नकाल  और लंच नहीं होगा. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय तय किया गया है. सरकार की ओर से पांच बड़े नेता और मंत्री बहस में हिस्सा लेंगे.</li> <li style="text-align: justify;">शिवसेना संसदीय दल के नेता आनंद राव अडसुल ने बड़ा बयान दिया है. आनंद राव अडसुल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर हमारे वोट के बारे में टीवी पर जो खबरें चल रही हैं वो गलत है. हमें अभी तक उद्धव ठाकरे जी से कोई निर्देश नहीं मिला है. इसलिए अभी हम इतना ही कह सकते हैं कि हम कल सदन में उपस्थित रहेंगे. हमारी क्या भूमिका होगी इसपर उद्धव जी के निर्णय के बाद तय होगा.</li> <li style="text-align: justify;">सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताल लेकर आई टीडीपी ने आज समर्थन के लिए सघन संपर्क अभियान किया. टीडीपी के नेताओं के 6 ग्रुप बनाकर एनडीए और यूपीए दोनों के नेताओं से मुलाकात की. टीडीपी नेताओं ने एनडीए में शामिल अकाली दल, जेडीयू के नेताओं से मुलाकात कर समर्थन मांगा. टीडीपी ने समर्थन की अपील के साथ ही हिंदी, अंग्रेज़ी, मराठी, बंगला, तमिल, मलयालम समेत अन्य भाषाओं में तैयार बुकलेट भी बांटी सांसदों के बीच बांटी. इस बुकलेट में आंध्र प्रदेश के स्पेशल पैकेज के मुद्दे और इस मामले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री के अधूरे वादों की फेहरिस्त भी छापी है.</li> <li style="text-align: justify;">टीडीपी के सांसद जयदेव गल्ला कल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. टीडीपी का ही अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया है, टीडीपी ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे पर एनडीए का साथ छोड़ दिया था.</li> <li style="text-align: justify;">अविश्वास प्रस्ताव से पहले बीजेपी के लिए दोहरी खुशखबरी आई है. सुबह से स्थिति स्पष्ट ना करने वाली शिवसेना ने अब कहा कि सरकार के पक्ष में वोट करेगी. इसके साथ ही तमिलनाडु की एआईएडीएमके ने भी सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है. शिवसेना के संसद में 18 और एआईएडीएमके के 37 सदस्य हैं.</li> </ul> <strong>लोकसभा की मौजूदा स्थिति क्या है? </strong>लोकसभा में कुल सीटों की संख्या 543 है, जिसमें फिलहाल 10 सीटें खाली हैं. सत्ताधारी एनडीए की बात करें तो बीजेपी की 272, एलजेपी की 6 और अन्य की 16 सीटों को मिलाकर आंकड़ा 294 होता है. वहीं विपक्षी यूपीए की बात करें तो कांग्रेस की 48, एनसीपी की 7, आरजेडी की 4 और अन्य की 8 सीटों को मिलाकर आंकड़ा सिर्फ 67 तक पहुंचता है.तमिलनाडु की एआईएडीएमके ने अविश्वास प्रस्ताव में एनडीए का साथ देने का एलान कर दिया है तो उसकी 37 सीटें भी एनडीए में जुड़ जाएंगी, तो एनडीए प्लस का आंकड़ा 331 पर पहुंच जाता है. इसी तरह यूपीए प्लस की बात करें तो कांग्रेस की 48, सहयोगियों की 19 और अन्य की 117 सीटों को मिला दें तो आंकड़ा 184 का हो जाता है. शिवसेना ने कहा है कि हम सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन समर्थन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. <strong>अविश्वास प्रस्ताव में मोदी सरकार को खतरा क्यों नहीं?</strong> लोकसभा में 543 सीटों में से अभी 10 सीटें खाली हैं जिससे कुल संख्या 533 हो जाती है. 533 सदस्यों की लोकसभा में बहुमत के लिए 268 सीटें चाहिए होंगी. बीजेपी के पास अपने सांसदों की संख्या फिलहाल 272 है जो बहुमत से 4 ज्यादा है. इसमें एनडीए को भी जोड़ लिया जाए तो लोकसभा में कुल संख्या 349 हो जाती है जो बहुमत से 44 सीट ज्यादा है. एआईएडीएमके ने एनडीए का साथ देने का एलान किया है तो ये आंकड़ा 331 का हो जाता यानी बहुमत से 63 ज्यादा. इसका सीधा मतलब ये है कि मोदी सरकार के गिरने का खतरा बिल्कुल भी नहीं है. <ul> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/after-the-shiv-sena-aiadmk-supports-modi-government-no-confidence-motion-917401">शिवसेना के बाद मोदी सरकार को मिला AIADMK का साथ, नहीं करेगी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन</a></strong></li> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/in-depth-know-what-is-in-governments-mind-while-approving-no-confidence-motion-916434">IN Depth: अविश्वास प्रस्ताव- सरकार के दिमाग में क्या है? जानिए अचानक इसे मंजूर क्यों किया</a></strong></li> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/no-confidence-motion-shivsena-to-go-with-modi-sarkar-party-has-issued-whip-to-its-mps-917330">अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना का रुख साफ, 3 लाइन के व्हिप में कहा- मोदी सरकार का करो समर्थन</a></strong></li> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/sonia-gandhi-confident-on-no-confidence-motion-against-modi-government-916239">अविश्वास प्रस्ताव पर सोनिया को विश्वास, बोलीं- कौन कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं है?</a></strong></li> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/all-you-need-to-know-about-no-confidence-motion-917335">अविश्वास प्रस्ताव: जानें क्या है, जिसका इंदिरा ने 15 बार किया था सामना, मोरारजी की गिर गई थी सरकार</a></strong></li> <li style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/no-confidence-motion-against-modi-government-parliament-monsoon-session-impact-on-opposition-917475">IN DEPTH: अविश्वास प्रस्ताव से विपक्ष को क्या होगा फायदा?</a></strong></li> </ul>

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