<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> असम के फाइनल एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर सियासत तेज हो गई है. कल राज्यसभा में एनआरसी का मुद्दा उठा था, आज भी राज्यसभा में हंगामा जारी रह सकता है. मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में प्रश्नकाल को स्थगित कर चर्चा शुरू हुई थी लेकिन अमित शाह के बयान के बाद हंगामा हुआ जिसके बाद राज्यसभा को आज तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. अमित शाह ने कहा था कि हम में दम है इस वजह से हमने एनआरसी को लागू किया. इसके बाद कांग्रेस ने अमित शाह के बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अमित शाह को इतिहास की जानकारी नहीं है क्योंकि एनआरसी की शुरुआत यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अमित शाह ने क्या कहा?</strong> एनसीआर विवाद पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ''14 अगस्त 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौते पर द्सतखत किए और 15 अगस्त 1985 को लाल किले से उन्होंने इसकी घोषणा की. इस असम समझौते की आत्मा ही एनआरसी थी. समझौते में कहा गया कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर हमारे सिटीजन रजिस्टर से अलग करके एक शुद्ध नेशनल सिटीजन रजिस्टर बनाया जाएगा. ये कदम आपके ही प्रधानमंत्री का उठाया हुआ है. इस पर अमल करने की हिम्मत आपमें नहीं थी लेकिम हममें हिम्मत है इसलए हम अमल करने के लिए निकले हैं." उन्होंने कहा कि एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से बन रहा है. सभी लोग 40लाख-40 लाख चिल्ला रहे हैं लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि इसमें कितने बांग्लेदेशी घुसपैठिए हैं? किसे बचा रहे हैं आप?</p> <p style="text-align: justify;"><strong>चर्चा के दौरान कांग्रेस ने क्या कहा?</strong> राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''हम नहीं चाहते कि हमारे देश में कोई भी हिंदुस्तानी, भले ही वह किसी भी धर्म या जाति का हो उसे बाहर किया जाए. 40 लाख की संख्या बहुत बड़ी संख्या है. 40 लाख की संख्या तो सिर्फ वयस्कों की उनके परिवार को जोड़ दें तो ये संख्या करीब 1.5 करोड़ पहुंच जाएगी.''</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ''वो हिंदुस्तानी नहीं है यह सरकार को भी साबित करना चाहिए. किसी व्यक्ति का हैरेसमेंट नहीं होना चाहिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए. 16 तरह के सबूत चाहिए अगर एक भी मिल जाए तो व्यक्ति को नागरिक मान लेना चाहिए. किसी राजनीतिक दल को इसको राजनीति और वोट के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए मौजूदा सरकार इसको राजनीति और वोट मुद्दा ना बनाएं बल्कि मानव अधिकार से जोड़ कर देखें.''</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ड्राफ्ट के हिसाब से कार्रवाई नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट</strong> सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि NRC की ड्राफ्ट लिस्ट के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कल कोई निर्देश नहीं दिया लेकिन कहा अभी आप पूरी तफसील के साथ क्लेम और रिजेक्शन को लेकर मानक कार्य प्रक्रिया तैयार करें. हम उसे अपनी मंज़ूरी देंगे. हम फिलहाल चुप रहेंगे. लेकिन इस चुप्पी का मतलब ये नहीं है कि हम आपकी स्कीम से सहमत हैं या असहमत.' सुप्रीम कोर्ट के सामने स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि लोगों को बताया जाएगा कि उनका नाम क्यों नहीं आया, साथ ही नागरिकता का दावा करने के लिए फॉर्म भी 7 अगस्त से मुहैया कराया जाएगा. ये भी बताया गया कि अभी NRC की फाइनल लिस्ट नहीं आई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहता है एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट?</strong> असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी. असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.</p>
from india-news https://ift.tt/2Ma4ctN
via IFTTT
Post Top Ad
Responsive Ads Here
Wednesday, August 1, 2018
NRC ड्राफ्ट मुद्दे पर सियासत तेज, राज्यसभा में आज भी हो सकता है जोरदार हंगामा
Tags
# india-news
Share This
About MAHENDRA KUMAR
india-news
Labels:
india-news
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Bottom Ad
Responsive Ads Here
No comments:
Post a Comment